विज्ञान में आधुनिक और नए अनुसंधानों ने यह
सिद्ध कर दिया है कि ब्रह्मांड एवं सौर मंडल के ग्रह-नक्षत्रों का पृथ्वी के चराचर
पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ता है। इन उपलब्धियों से आधुनिक शिक्षित समाज में,
जो कि कभी इस सिद्धांत (फलित ज्योतिष) को एक अंधविश्वास मात्र मानता
था, पुनः इस शास्त्र के प्रति रुचि तथा विश्वास उत्पन्न हो
गया है।
सिद्ध कर दिया है कि ब्रह्मांड एवं सौर मंडल के ग्रह-नक्षत्रों का पृथ्वी के चराचर
पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ता है। इन उपलब्धियों से आधुनिक शिक्षित समाज में,
जो कि कभी इस सिद्धांत (फलित ज्योतिष) को एक अंधविश्वास मात्र मानता
था, पुनः इस शास्त्र के प्रति रुचि तथा विश्वास उत्पन्न हो
गया है।
अगर हम ज्योतिष की वैज्ञानिकता की बात रहे हैं तो इसका आधार
है फलित-ज्योतिष, जो गणित पर ही आधारित है। फलित ज्योतिष में
मूलभूत गणित का ज्ञान प्रत्येक को होना नितांत आवश्यक है। बिना गणित की प्रक्रिया
को जाने फलित का यथार्थ ज्ञान होना संभव नहीं है।
है फलित-ज्योतिष, जो गणित पर ही आधारित है। फलित ज्योतिष में
मूलभूत गणित का ज्ञान प्रत्येक को होना नितांत आवश्यक है। बिना गणित की प्रक्रिया
को जाने फलित का यथार्थ ज्ञान होना संभव नहीं है।
ज्योतिष शास्त्र अनंत है, उसके
सिद्धांत, संहिता तथा होरा नामक तीन स्कंधों में से इस
पुस्तक को होरा-शास्त्र का केवल एक अंश ही समझना चाहिए। इस पुस्तक में केवल
जन्म-कुंडली और वर्ष-कुंडली के मुख्य-मुख्य गणित विषय मात्र संकलित हैं।
सिद्धांत, संहिता तथा होरा नामक तीन स्कंधों में से इस
पुस्तक को होरा-शास्त्र का केवल एक अंश ही समझना चाहिए। इस पुस्तक में केवल
जन्म-कुंडली और वर्ष-कुंडली के मुख्य-मुख्य गणित विषय मात्र संकलित हैं।
Dr. A. Shanker
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