पंडित दयानंद शास्त्री
किराएदार से मकान खाली कराने हेतु :
पुष्य नक्षत्र में सांप की रीढ़ की हड्डी लाकर उसे विद्वेषण मंत्र से अभिमंत्रित कर लें और फिर उसका पाउडर बनाकर जो कमरा किराए पर दे रखा होउसमें बिखेर दें। किराएदार को रात में घर में सांप ही सांप दिखाई देंगे और उनकी आवाजें सुनाई देंगी और वह डरकर मकान खाली करके भागजाएगा।नजर उतारने के टोटके-----
01 -नमक, राई, लहसुन, प्याज के छिलके, बाल और सूखी हुई मिर्च को आग के एक अंगारे पर डाल दें और उसे नजर दोष से प्रभावित जातक के सिर पर सेसात बार उतार लें। जलने पर यदि बदबू आए तो समझें कि जातक नजर दोष से मुक्त है। यदि बदूब नहीं आए तो समझें कि वह नजरदोष से प्रभावित है।
02 -हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी के कंधों से सिंदूर लेकर अपने माथे पर टीका करें।
03 -गेहूं के आटे का दीपक बनाएं और उसमें काले धागे की बत्ती डालकर उसे जलाएं और उसके पास दो सूखी लाल मिर्च रखें। फिर उसे बुरी नजर सेप्रभावित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उतारें।
04 -नजर से प्रभावित व्यक्ति के सिर पर से फिटकरी उतार कर उसे बाएं हाथ से कूटकर उसका चूर्ण बना लें और उसे किसी कुएं या तालाब में फेंक दें।
05 -छोटे बच्चे को किसी स्त्री की नजर लगी हो तो उसे घर बुलाकर हाथ फिरा लें तथा बच्चे को प्यार करते हुए आशीर्वाद दे दें।
कुछ विशेष मंत्रों के जप तथा कुछ चौपाइयों के पाठ से रोगों, क्लेशों तथा अन्य विन-बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यहां ऐसे ही कुछमंत्रों और रामायण की कुछ चौपाइयों का विवरण प्रस्तुत है, जिनके नियमित जप तथा पाठ से वांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।
नजर कामण शांतिकरण----
मोर के पंख से ११ बार झाड़ा लगा दें। (ग्रहण के समय निम्नोक्त मंत्र जप कर सिद्ध कर लें।)
मंत्र - क्क नमो सत्नाम आदेश गुरु को क्क नमो नजर जहां पर पीर न जानी बोले छल सों अमृत बानी कहो नजर कहां ते आई यहां की ढेरि तोहि कौंनबताई। कौन जात तेरी को ढाम, किसी बेटी कहो तेरो नाम। कहां से उड़ी कहां को जादा। अब ही बस करले तेरी माया। मेरी बात सुनो चित्त लगाय जैसे होयसुनाऊं आय। तेलन तमोलन चुहड़ी चमारी कायथनी खतरानी कुम्हारी महतरानी राजा रानी। जाको दोष ताहि सिर पर पड़े। हनुमंतवीर नजर से रक्षाकरे। मेरी भक्ति गुरु की शक्तिफुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
विन बाधाओं से मुक्ति हेतु रामायण की कुछ विशेष चौपाइयों का पाठ करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं।
नजर दोष से मुक्ति के लिए-----
श्याम गौर सुंदर दोऊ जोरी। निरखहिं छवि वृत तोरी॥
भूत भगाने के लिए:----
प्रनवऊं पवन कुमार खल वन पावक ज्ञान धन जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर।
कठिन क्लेश से मुक्ति के लिए:-----
हरन कठिन कलि कलु कलेसू। महा मोह निसि दलन दिनेसू॥
दरिद्रता दूर करने के लिए:----
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारिके ॥
शीघ्र विवाह के लिए:----
तब जनक परइ वशिष्ठ आयुस ब्याह साज संवारि के। मांडवी श्रुत कीरत उरमिला कुंअरि लई हंकारिके॥
साधना में रक्षा मंत्र चारों ओर खींचना जिसे लक्ष्मण रेखा कहा जाता है।
माममिरक्षय रघुकुल नायक। घृत वर चाप रुचिर कर सायक॥
मानसिक पीड़ा दूर करने करे लिए:----
हनुमान अंगद रन गाजे। हांक सुनत रजनीचर भागे॥
अकाल मृत्यु बचाव के लिए:-----
नाम पहारु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं वाट॥
कन्या के विवाह हेतु:----
जै जै जै गिरिराज किशोरी जय महेश मुख चंद्र चकोरी।
विचार शुद्धि के लिए:----
ताके जुग पद कमल मनावऊं। जासु कृपा निरमल मति पावऊं॥
विविध रोगों से रक्षा के लिए:
दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज्य नहिं काहहिं ब्यापा॥
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